Shiv Tandav Stotram Harmonium Notes
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Western – CDE FGAB
Indian – srg mpdn
Hindi – सारेग मपधनि
Piano Notes in Hindi for Shiv Tandav Stotram (सारेग मपधनि)
Music Notes
Background music notes
इस म्यूजिक को रिकॉर्ड करे और
बैकग्राउंड में लूप में प्ले करें
(Record this music and play in background in loop)
ध नोट्स को तेजी से या फास्ट प्ले करे (Play धध notes fast)
Play धध notes fast
धध धध धध धध
धध धध धध धध
Starting Music Notes
(ध~~ then नि निप~ नि ध~~ 7-8 times)
ध~~
नि निप~ नि ध~~
नि निप~ नि ध~~
नि निप~ नि ध~~
नि निप~ नि ध~~
नि निप~ नि ध~~
Tip to play Stotra –
Play notes fast with 2 notes fast as group
like धध fast or रे*रे* fast as group.
Part 1 – 1
जटा-टवी-गलज्-जल-
प्रवाह-पावि-तस्थले
गलेऽव-लम्ब्य लम्बितां
भुजङ्ग-तुङ्ग-मालिकाम्।
(How to play –
play धध fast for 6 times
and then धप धनि)
धध धध धध धध
जटा_टवी गल ज्जल
धध ध ध ध प धनि
प्रवा_ ह_ पा वि_ त स्थले
निरे* रे* रे*रे* नि~ निनि
गलेऽव लम्ब्य लम्बितां
Or
रे*रे* रे* रे*रे* नि~ निनि
निनि~ निनिनि पनिध
भुजङ्ग – तुङ्ग मालिकाम्।
Part 1 – 2
डमड्-डमड्-डमड्-
डमन्-निनाद-वड्-डमर्वयं
चकार चण्ड-ताण्डवं
तनोतु नः शिवः शिवम्॥1॥
धध धध धध धध
डमड्डम ड्डमड्डम
धध ध ध धप धनि
निना द_ व ड्डमर्वयं
धरे*रे* रे*रे* निनिनि
चकार चण्ड ताण्डवं
निनि नि नि धप~~ निध~~
तनो _ तु नः शिवः शिवम्॥
Music:
ध~~
नि निप नि ध~
नि निप नि ध~
Part 2 – 1
जटा-कटाह-सम्भ्रम-
भ्रमन्-निलिम्प निर्झरी
विलोल-वीचि-वल्लरी
विराज-मान मूर्धनि।
धध धध ध धध ध
जटा कटा ह सम्भ्र म
धध ध धध प धनि
भ्रम न्नि लिम्प निर्झरी
निरे* रे* रे*रे* नि~ निनि
विलोल वीचि वल्लरी
निनि नि निनि पनिध
विरा ज_ मान मूर्धनि।
Part 2 – 2
धगद्-धगद्-धगज्-
ज्वलल्-ललाट-पट्ट पावके
किशोर-चन्द्र-शेखरे
रतिः प्रति-क्षणं मम॥2॥
धध धध धध
धगद् धगद् धग
धध धध ध ध ध पधनि
ज्ज्वलल् लला ट_ प ट्ट_ पावके
(धगद्धगद्धगज्ज्वललललाटपट्टपावके)
रे*रे*रे* रे*रे* निनिनि
किशोर चन्द्र शेखरे
निनि नि नि धप~~ निध~~~
रतिः प्रति क्षणं मम॥
Part 3 – 1
धरा-धरेन्द्र-नन्दिनी-
विलास-बन्धु बन्धुर
स्फुरद्-दिगन्त-सन्तति
प्रमोद-मान मानसे।
रे*रे* रे*रे* रे* ग*~ ग*ग*
धरा धरेन्द्र नंदिनी
Or
धरे* रे*रे* रे* रे*~ रे*रे*
रे*म*म* म*ग* रे*म*ग*
विलास बन्धु बन्धुर
ग*रे*रे* रे*रे* रे*~ रे*रे*
स्फुरद्दिगन्त सन्तति
रे*नि नि निनि धधध
प्रमो द_ मान मानसे।
Part 3 – 1
कृपा-कटाक्ष-धोरणी-
निरुद्ध-दुर्धरा-पदि
क्वचिद्-दिगम्बरे
मनो विनोद-मेतु वस्तुनि॥3॥
रे*रे* रे*रे* रे* ग*~ ग*ग*
कृपा कटाक्ष धोरणी
रे*म*म* म*ग* रे*ग*ग*
निरुद्ध दुर्ध _ रापदि
ग*रे* रे*रे* रे*रे*
क्वचिद् दिगम्बरे
Or
ग*रे* रे*रे*रे* रे*रे*
रे*नि निनि नि निनि पनिध
मनो विनोद_ मेतु वस्तुनि॥
Part 4 – 1
जटा-भुजंग-पिंगल-
स्फुरत्-फणा मणि-प्रभा
कदम्ब-कुंकुम-द्रव
प्रलिप्त-दिग्वधू-मुखे।
रे*रे* रे*रे* रे* ग*~ ग*ग*
जटा- भुजंग- पिंगल-
रे*म* म*म* ग* रे* म*ग*
स्फुरत्- फणा मणि- प्रभा
ग*रे*रे* रे*रे*रे*~ रे*रे*
कदम्ब- कुंकुम-द्रव
रे*नि नि निनि धधध
प्रलिप्त- दिग्वधू-मुखे।
Part 4 – 2
मदान्ध-सिन्धुर-स्फुरत्-
त्वगुत्त-रीय-मेदुरे
मनो विनोद-मद्भुतं
बिभर्तु भूत-भर्तरि॥4॥
रे*रे*रे* रे* रे* ग*~ ग*ग*
मदान्ध- सिन्धुर-स्फुरत्-
रे*म*म* म*ग* रे*ग*ग*
त्वगुत्त- रीय- मेदुरे
ग*रे* रे*रे*रे* रे*रे*रे*
मनो विनोद- मद्भुतं
नि निनि निनि पनिध
बिभर्तु भूत- भर्तरि॥4॥
ध~~~ पप~ निध~ ध
Om Namah Shivay
गग~ गग~ गम~ मग
Sada Shivam Bhaja_mya_ham
गग~ गग~ गसा~ रेग
Sada Shivam Bhaja_mya_ham
Or
गग~ गग~ गरे~ रेग
ध~~~ पप~ निध~ ध
Om Namah Shivay
Now notes are same
from part 1 to part 4
then repeat
Om Namah Shivay
Shiv Tandav Strotra with Meaning
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Part 5
सहस्र-लोचन-प्रभृत्य-
शेष-लेख-शेखर
प्रसून-धूलि-धोरणी-
विधू-सराङ्घ्रि-पीठभूः।
भुजङ्ग-राज-मालया
निबद्ध-जाट-जूटक:
श्रियै चिराय जायतां
चकोर-बन्धु-शेखरः॥5॥
Part 6
ललाट-चत्वर-ज्वलद्-
धनञ्जय-स्फुलिङ्गभा
निपीत-पञ्च-सायकं
नमन्-निलिम्प-नायकम्।
सुधा-मयूख-लेखया
विराज-मान-शेखरं
महा-कपालि सम्पदे
शिरो जटाल-मस्तु नः॥6॥
Part 7
कराल-भाल-पट्टिका-
धगद्-धगद्-धगज्-ज्वलद्-
धनञ्जया-हुती-कृत-
प्रचण्ड-पञ्च-सायके।
धरा-धरेन्द्र-नन्दिनी-
कुचाग्र-चित्र-पत्रक-
प्रकल्प-नैक-शिल्पिनि
त्रिलोचने रतिर्मम॥7॥
Part 8
नवीन-मेघ-मण्डली-
निरुद्ध-दुर्धर-स्फुरत्-
कुहू-निशीथि-नी-तमः-
प्रबन्ध-बद्ध-कन्धरः।
निलिम्प-निर्झरी-धरस्-
तनोतु कृत्ति-सिन्धुरः
कला-निधान-बन्धुरः
श्रियं जगद्-धुरन्धरः॥8॥
Part 9
प्रफुल्ल-नील-पङ्कज-
प्रपञ्च-कालिम-प्रभा-
वलम्बि-कण्ठ-कन्दली-
रुचि-प्रबद्ध-कन्धरम्।
स्मरच्छिदं पुरच्छिदं
भवच्छिदं मखच्छिदं
गजच्छि-दान्ध-कच्छिदं
तमन्त-कच्छिदं भजे॥9॥
Part 10
अखर्व-सर्व-मङ्गला-
कला-कदम्ब मञ्जरी-
रस-प्रवाह-माधुरी-
विजृम्भणा-मधु-व्रतम्।
स्मरान्तकं पुरान्तकं
भवान्तकं मखान्तकं
गजान्त-कान्ध-कान्तकं
तमन्त-कान्तकं भजे॥10॥
Part 11
जयत्-वद-भ्रवि-भ्रम-
भ्रमद्-भुजङ्ग मश्वस-
द्विनिर्गमत्-क्रम-स्फुरत्-
कराल-भाल-हव्य-वाट्
धिमिद्-धिमिद्-धिमिद्-
ध्वनन्-मृदङ्ग-तुङ्ग-मङ्गल-
ध्वनि-क्रम-प्रवर्तित-
प्रचण्ड-ताण्डवः शिवः॥11॥
Part 12
दृषद्-विचित्र-तल्पयोर्-
भुजङ्ग-मौक्ति-कस्रजोर्-
गरिष्ठ-रत्न-लोष्ठयोः
सुहृद्-विपक्ष-पक्ष-योः।
तृणारविन्द-चक्षुषोः
प्रजा-मही-महेन्द्रयोः
सम-प्रवृत्ति-कः कदा
सदा-शिवं भजाम्यहम्॥12॥
Part 13
कदा निलिम्प-निर्झरी-
निकुञ्ज-कोटरे वसन्
विमुक्त-दुर्मतिः सदा
शिरःस्थ-मञ्जलिं वहन्।
विलोल-लोल-लोचनो
ललाम-भाल-लग्नकः
शिवेति मन्त्र मुच्चरन्
कदा सुखी भवाम्यहम्॥13॥
Part 14
इमं हि नित्य-मेव-मुक्त-
मुत्त-मोत्तमं स्तवं
पठन् स्मरन् ब्रुवन्-नरो
विशुद्धि-मेति सन्ततम्।
हरे गुरौ सुभक्ति-माशु
याति नान्यथा गतिं
विमोहनं हि देहिनां
सुशङ्करस्य चिन्तनम्॥14॥
Part 15
पूजा-वसान-समये
दश-वक्त्र-गीतं
यः शम्भु-पूजन-परं
पठति प्रदोषे।
तस्य स्थिरां रथ-
गजेन्द्र-तुरङ्ग-युक्तां
लक्ष्मीं सदैव सुमुखिं
प्रददाति शम्भुः॥15॥
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