Jaise Suraj Ki Garmi Se Jalte Hue Tan Ko Harmonium Notes
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Jaise Suraj Ki Garmi Se Jalte Hue Tan Ko
Piano Notes in Hindi for Jaise Suraj Ki Garmi Se Jalte Hue Tan Ko (सारेग मपधनि)
रे *नि
जैसे
रेग म रेग म
सूरज की गर्मी से
रेग मरे ग म
जलते हुए तन को
रे गम रेग म
मिल जाये तरुवर की
रे ध~
छाया
पध नि प धनि
ऐसा ही सुख मेरे
प ध निप ध नि
मन को मिला है, मैं
प ध निप धनि
जब से शरण तेरी
ग* ग*~ निनि रे*
आया, मेरे राम
सा* निधपमगरे
Repeat:
सूरज की गर्मी से
रेग म रेग म
सूरज की गर्मी से
रेग मरे ग म
जलते हुए तन को
रे गम रेग म
मिल जाये तरुवर की
रे ध रेरे~
छाया
पप~ पम रेरे
भटका हुआ मेरा
प प~ मरे
मन था कोई
प प~ पम म निधध
मिल ना रहा था सहारा
पप~ प मरे
लहरों से लडती
Or
पप~ प मम
रेप पप म रेरे
हुई नाव को जैसे,
ध ध निसा* सा* रे* ग* म*
मिल ना रहा हो किनारा
प* म* रे* रे* सा* ग* रे* रे*
मिल ना रहा हो किनारा
Music:
सा*निधपमगरे
रे ग म रेग
उस लड खडाती
मरे ग~ म रेग
हुई नाव को जो
मरेग मरेग मरेध
किसी_ने किनारा दिखाया
पध नि प धनि
ऐसा ही सुख मेरे
प ध निप ध नि
मन को मिला है, मैं
प ध निप धनि
जब से शरण तेरी
ग* ग*~ निनि रे*
आया, मेरे राम
रेग म रेग म
सूरज की गर्मी से
रेग मरे ग म
जलते हुए तन को
रे गम रेग म
मिल जाये तरुवर की
रे ध रेरे~
छाया
Will be Updated:
शीतल बने आग चन्दन के जैसी
राघव कृपा हो जो तेरी
उजयाली पूनम की हो जाये राते
जो थी अमावस अँधेरी
युग युग से प्यासी मुरुभूमि ने
जैसे सावन का संदेस पाया
ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है,
मैं जब से शरण तेरी आया, मेरे राम
सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को
मिल जाये तरुवर की छाया
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